लेखनी कहानी -30-Dec-2022 साल 2022
भोर की पहली किरण की तरह
नाचता मुस्कुराता यह साल भी आया
किसी ने इसे अपने दिल से लगाया
तो किसी ने इसे सिर पर भी बैठाया ।
ज्यों ज्यों दिन चढने लगा
किसी का प्यार परवान चढने लगा
कब दिन निकला और कब रात हो गई
पता ही नहीं चला और दिल से दिल की बात हो गई ।
भरी दोपहरी की तरह रोमांस "खिलने" लगा
शाम के सुरमई रंग से मौसम बहकने लगा
इससे पहले कि मिलन की बेला आती
दोनों को रंग ए इश्क में नहला जाती
जुदाई की लंबी रात ने कब्जा जमा लिया
मुहब्बत के बाजार में यूं गम खूब कमा लिया
अकेलेपन के दर्द से टूट गये लोग
कुछ इस तरह से छूट गये लोग
अमावस की रात सा ढलता जा रहा है यह साल
देखो, फिर से नाचता गाता आ रहा है एक और नया साल ।
श्री हरि
30.12.22
Sachin dev
30-Dec-2022 04:35 PM
Nice 👍
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Hari Shanker Goyal "Hari"
31-Dec-2022 12:24 AM
💐💐🙏🙏
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Abhilasha deshpande
30-Dec-2022 04:16 PM
ला जवाब
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Hari Shanker Goyal "Hari"
31-Dec-2022 12:24 AM
💐💐🙏🙏
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पृथ्वी सिंह बेनीवाल
30-Dec-2022 11:08 AM
बहुत खूब
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Hari Shanker Goyal "Hari"
31-Dec-2022 12:24 AM
💐💐🙏🙏
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